(Foundation thought )


(जातिवाद)

जातिवाद की रोटी सेकी जाती है हर चूल्हे में।
मानवता को नष्ट कर दिया कुछ पाखंडी लोगों ने।।

जाति धर्म की बातें करके लोगों को भड़काते हैं।
हम लोग नासमझी करके बातों में आ जाते हैं।।

मानवता को भुला बैठते नफरत दिल में लाते हैं।
धर्म जाति की राजनीति में हम ही खुद पिस जाते हैं।।

जात पात को छोड़कर यारो राष्ट्रधर्म अपनाओ तुम।
ले आओ तुम भाईचारा सबको गले लगाओ तुम।।

भारतीय है धर्म तुम्हारा मानवता तुम्हारी जाति है।
अपनाओ सभी इन दोनों को संस्कृति यही हमारी है।।

एक जगह के भाई हो तुम क्यों नफरत को घोल रहे।
सबक सिखाओ तो उन लोगों को जो तुम सब को तोड़ रहे।।

एकता को लाओ दिलों में लक्ष्य एक ही नारा हो।
इस दुनिया में सबसे अच्छा भारत देश हमारा हो।।
                
                                    आदित्य प्रताप सिंह ......
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                     ( गुरू का ज्ञान )



एक आदर्श शिष्य बनो तुम, गुरुओं का सम्मान करो। 

सभ्य नागरिक हमे बनाया, उन गुरुओं को नमन करो।



अंधकार की इस दुनिया में, गुरू ही मार्ग दिखाते है ।

 क्या सही और गलत क्या है, अंतर ज्ञात कराते है।



ज्ञान है एक ऐसा अमृत, जो गुरुओं से मिल पाता है ।

 जो सम्मान करे शिक्षक का उसको ये मिल जाता है।



चाहे राम, हुए चाहे कृष्णा, वो भी गुरुकुल जाते थे। 

ज्ञान का महत्व होता है इतना, आज वो भी पूजे जाते है।



गुरु तो है भगवान से बढ़कर, यह कबीर ने बता दिया।

 नमन करो तुम गुरु को पहले, यह सबको संदेश दिया।



गुरु है एक कुम्हार के जैसा, शिष्य घड़े के जैसा है।

 चाहे जितनी चोट मार ले, पर घड़ा गोल कर देता है।



सोना चांदी धन है ऐसा, बांटोगे तो घट जाएगा।

 ज्ञान को जितना भी बांटोगे, उतना बढ़ता जायेगा।



                                              आदित्य प्रताप सिंह.....🖋️



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